प्रिय भगवन,
आशा हैं ऊपर सब खैरियत हैं। ओसामा का तबादला हो गया धरती से चंद दिन पहले। अमरीका वालो ने उन्हे आने-जाने में काफी मदद की। बड़े भले लोग हैं ये अमरीकी। ई-फोन बना कर बड़ा भला किया इन लोगो ने काला बाज़ारीयो का। और तो और हर देश के निजि मामलों को अपना बना लेते हैं, दुख-दर्द बाटने मे विशवास रखते हैं।
वैसे सुना है, विश्व का विनाश होने वाला हैं कुछ दिनों में? बढ़िया है। आपने तो अच्छा-खासा प्लान कर रखा होगा, क्यों? बात भी सही है, कोई एक दो दिन का काम थोड़े ना है। समय लगता है, पर सोच और हिम्मत से काम ज़रुर सम्पूर्ण होगा। मेहनत करने वाले को भगवान... खैर छोड़िये इन सब बातों को। बुरा ना मानिये तो फिर आप से एक दरख्वासत है। क्या इस विनाश का पोस्टपोनमेंट पॉसिबल है?
बात दरअसल यह है, कि, अगर विनाश कुछ सात-आठ महीने के लिए पोस्टपोन हो जाता है तो फिर मैं ज़रा इंजिनियर बन जाऊगां। डिग्री हाथ मे आएगी तो फिर अच्छा लगेगा। लगेगा की जो कमर तोड़ मेहनत की है उसका फल मिल गया है। रात रात भर जाग कर मूवी देखना, दिन भर क्लास मे सोकर थक जाना, बहुत मेहनत का काम है ये इंजिनियरिंग। धरती तबाह हो गई तो बुरा लगेगा। तब तक तो लोकपाल बिल पर बहस खत्म हो जाएगी, अगर आपने चाहा तो।
देख लीजीएगा। कुछ दिनों की ही तो बात हैं, कौनसा कोई बॉस है, आपको, जो डेडलाइन की चिंता हो आपको। रात को चार बार बिजली कड़का दिजीएगा, पता चल जाएगा ये पत्र आप को मिल गया।
आपका भक्त,
प्रशांत